Follow Us At:

About Yogi Adesh

Because A Better Life

Why We Need Your Help

हमारी समाज हमारी पहचान, परिवार के सभी सदस्यों को *ॐ शिव गोरक्ष* *आदेश* हम शंभूजती भगवान महागुरु गोरक्षनाथ जी से प्रार्थना करते हैं, की, आपका जीवन शुभ, एवं, आनन्द मंगल रहें। *हमारा* *एक संदेश, हमारी समाज, हमारी पहचान* परिवार के सभी सदस्यों से विनम्र निवेदन है, की,

भारत में बोली जाने वाली भाषाओं की बड़ी संख्या ने यहाँ की संस्कृति और पारंपरिक विविधता को बढ़ाया है। 1000 (यदि आप प्रादेशिक बोलियों और प्रादेशिक शब्दों को गिनें तो, जबकि यदि आप उन्हें नहीं गिनते हैं तो ये संख्या घट कर 216 रह जाती है) भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें 10,000 से ज्यादा लोगों के समूह द्वारा बोला जाता है, जबकि कई ऐसी भाषाएँ भी हैं जिन्हें 10,000 से कम लोग ही बोलते है। भारत में कुल मिलाकर 415 भाषाएं उपयोग में हैं । भारतीय संविधान ने संघ सरकार के संचार के लिए हिंदी और अंग्रेजी, इन दो भाषाओं के इस्तेमाल को आधिकारिक भाषा घोषित किया है व्यक्तिगत राज्यों के उनके अपने आतंरिक संचार के लिए उनकी अपनी राज्य भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में दो प्रमुख भाषा सम्बन्धी परिवार हैं - भारतीय-आर्य भाषाएं और द्रविण भाषाएँ, इनमें से पहला भाषा के परिवार मुख्यतः भारत के उत्तरी, पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों के फैला हुआ है जबकि दूसरा भाषा परिवार भारत के दक्षिणी भाग में.भारत का अगला सबसे बड़ा भाषा परिवार है एस्ट्रो-एशियाई भाषा समूह, जिसमें शामिल हैं भारत के मध्य और पूर्व में बोली जाने वाली मुंडा भाषाएँ, उत्तरपूर्व में बोई जाने वाली खासी भाषाएँ और निकोबार द्वीप में बोली जाने वाली निकोबारी भाषाएँ। भारत का चौथा सबसे बड़ा भाषा परिवार है तिब्बती-बर्मन भाषा परिवार का परिवार जो अपने आप में चीनी- तिब्बती भाषा परिवार का एक उपसमूह है।

For Any Other Information Feel Free:
Email Address:
Menu
Join Us
Share