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ॐ गुरु गोरक्ष नाथाय नमः सब धरती कागज करूं लेखनी सब वन राय, सात समुंदर स्याही करूं गुरु गुण लिखा न जाए || गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ भावार्थ: गुरु ब्रह्मा है, गुरु विष्णु है, गुरु हि शंकर है; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म (परमगुरु) है; उन सद्गुरु को प्रणाम,, *मैं* और *मेरा* को समझा जिसने, सही से जिंदगी को जीना सीखा उसने, *मैं* = आत्मा *मेरा*= शरीर *मैं आत्मा* के गुण है = 1.(आत्मा,परमात्मा और श्रृष्टि चक्र के आदी,मध्य,अंत का) *सत्य

Address: गढ़ कैलाश,नीलकंठ महादेव मंदिर,भाटी बडोदिया मार्ग, ग्राम धराड, जिला रतलाम, मध्य प्रदेश ,भारत ll
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