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गुरु गोरक्ष नाथ जी

गुरु गोरखनाथ

आदेश आदेश , हमारे जीवन के कुल सात गुरु होते कुल गुरु, धर्म गुरु, राष्ट्र गुरु, शिक्षा पद गुरु, पूर्ण गुरु ,परम गुरु, सद गुरु, सब धरती कागज करूं, लेखनी सब वन राय, सात समुंदर स्याही करूं, गुरु गुण लिखा न जाए //

गुरु गोरखनाथ जी के जन्म से जुड़ी असाधारण बात, गुरु गोरखनाथ का जन्म स्त्री गर्भ से नहीं हुआ था, बल्कि गोरखनाथ जी का अवतार हुआ था, सनातन ग्रंथो के अनुसार गुरु गोरखनाथ हर युग में हुए है, तथा उनको महान चिरंजीवियों में से एक गिना जाता है | गुरु गोरखनाथ जीवनी एवं इतिहास गुरु गोरखनाथ जी भारत की भूमि ऋषि-मुनियो और तपस्वियों की भूमि रही है। जिन्होंने अपने बौद्धिक क्षमता के दम पर भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण सृष्टि के भलाई के लिए बहुत योगदान दिया है। ऋषि-मुनियो के शिक्षा से हमें जीवन में सही राह चुनने का ज्ञान प्राप्त होता है। साधु महात्माओ द्वारा दिए गए ज्ञान-विज्ञान 21 वी सदी में भी बहुत प्रासंगिक हैं। महापुरुषों में ऐसे कई ऋषि-मुनि हुए जो बचपन से ही दैविये गुणों के कारण या तपस्या के फलस्वरूप कई प्रकार की सिद्धियाँ व शक्तियां प्राप्त कर लेते थे, जिनका उपयोग मानव कल्याण तथा धर्म के रक्षार्थ हेतु हमेशा से किया जाता रहा है। यह सिद्धियाँ और शक्तियाँ ऋषि-मुनियों को एक चमत्कारी तथा प्रभावी व्यक्तित्व प्रदान करती हैं और ऐसे सिद्ध योगियों के लिए भौतिक सीमाए किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं कर पाती है। पर इन शक्तियों को प्राप्त करना सहज नहीं है| परमशक्तिशाली ईश्वर द्वारा इन सिद्धियों के सुपात्र को ही एक कड़ी परीक्षा के बाद प्रदान किया जाता है। आज हम ऐसे एक सुपात्र सिद्ध महापुरुष जो साक्षात् शिवरूप माने जाते हैं के बारे में बात करेंगे| इनके बारे में कहा जाता है कि आज भी वह सशरीर जीवित हैं और हमारे पुकार को सुनते हैं और हमें मुसीबतो से पार भी लगाते हैं। हम बात कर रहे हैं महादेव भोलेनाथ के परम भक्त हें //

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